Skip to main content

Posts

AI (Artificial Intelligence) in the filed of visual art

If you are connected to any art related forum on social media, like comics or paintings, chances are, you may have read about this ongoing debate about banning AI created artwork. The artist community is very vocal about this, as they claim that AI engines are basically stealing their work and letting anyone create similar images based on their own art. Some of them tagged AI work as plagiarism as this new art created by copying existing artist’s work with no permission or compensation. Recently, Australian Supanova Comic Con banned AI generated arts from being sold at their convention. Kickstarter, a portal where new projects are listed for crowdfunding, suspended the project “Unstable Diffusion: Unrestricted AI Art Powered by Crowd” as they would wait for more clarity on AI generated artwork’s stand on copyright and plagiarism. DeviantArt changed the policy for its AI engine DreamUp to not use any of the member’s artwork for learning. Earlier, every member had to individually opt out
Recent posts

Artificial Intelligence

Today, we hear a lot about AI or Artificial intelligence. It is a new jargon most people do not understand. Most of us think of AI as some kind of Jarvis or Skynet type of machine that can take over the world. Well, that is how it has always been shown to us in movies and stories. But is it really like that? Let's explore the meaning of True AI and whatever AI we have available with us.  True artificial intelligence, also known as strong artificial intelligence or general artificial intelligence, refers to the hypothetical development of a machine or system that is able to perform tasks and solve problems at a level of intelligence that is equal to or exceeds that of a human being. So, it will be able to perform a wide range of tasks and solve problems in a flexible and adaptable way, much like a human being.  True AI is still in the realm of science fiction, and it is not yet clear when or if it will be possible to develop a machine or system that is able to achieve this level of

Wonder Woman 1984 - Spoiler free review

Wonder Woman 1984 is just what superhero movie fans need today. This movie is a perfect break from the long absence of superhero movies. It's a warm, emotional and loving story. Being a solo superhero movie, the director had full scope of story development. But if you go with an expectation of Avengers or Civil War or a Justice League, you will be disappointed, as this movie relies on more emotions than action. Now, this is the strength as well as weakness of this movie. Being able to connect emotionally with audiences is good, but that needs more storytime and less action. Now, superhero fans who have expectations like recent multi hero movies will not be satisfied with this. They may like the movie, but will rate it lower on recent superhero movies.  There are few small loose ends, but nothing major. I won't go into details as this is spoiler free and don't want to get into the story. Maybe after a while, I will post details with spoilers.  So, if you are planning to watc

सिगरेट - Hindi short story

मैं एटीएम से पैसे निकाल कर अस्पताल की तरफ आ रहा था। अचानक रास्ते में एक व्यक्ति ने मुझे आवाज दी, "अंकल, अंकल" मैंने उसकी तरफ देखा, तो उसने गिड़गिड़ाती हुई आवाज में कहा, "मेरे को हफनी है, दवा के लिए 20 रुपये दे दो।" एक पल को मैं समझ नहीं पाया कि क्या कह रहा है, पर यंत्रवत मेरे मुंह से निकला, "दवा वाले से मांगो।" और मैं अपने रास्ते चल दिया। मैंने पलट कर देखा तक नहीं कि वह वही खड़ा है या आगे चला गया। चंद कदम चलने पर मेरे अंदर दबी हुई इंसानियत ने धीरे से आवाज दी, "15 रुपये की सिगरेट पीने वाला 20 रुपये दे ही सकता था। क्या पता उसे सच में जरूरत हो।" आधी सिगरेट अभी भी मेरे हाथ में जल रही थी। अपनी अंतरात्मा की उस बात से मेरे अंदर के उस व्यवहारिक इंसान को चोट पहुंची जिसने उसे पैसे देने से माना किया था। उस अंतर्द्वंद की वजह से सिगरेट अब कसैली लगने लगी थी। मेरे अंदर के व्यवहार कुशल चालाक व्यक्तित्व ने मेरी इंसानियत एवं अंतरात्मा से कहा, "बात 20 रुपये की नहीं, व्यवहार और समझदारी की थी। मुझे नहीं पता वह आदमी कौन था। मेरे पर्स में 40 हजार रुपए थे अस्

मुआवजा (Compensation) - A short story

“आर्डर आर्डर”, कहते हुए जज ने चिड़िया से पूछा, “तुम्हारा वकील कौन है?”  “जी माई बाप, वकील करने की मेरी हैसियत नहीं है। इसलिए मैं खुद ही अपनी फरियाद रखना चाहती हूँ।“  “तुम चाहो तो कोर्ट तुम्हें एक वकील दे सकता है।“ “नहीं जज साहब, मुझे ऐसे वकील पर भरोसा नहीं होगा जो बिना किसी स्वार्थ के मेरे लिए मुकदमा लड़ेगा। ऐसा वकील ने यदि दूसरी तरफ से पैसे लेकर केस कमजोर कर दिया, तो मैं कहीं की नहीं रहूँगी।“ चिड़िया ने दृढ़ स्वर में कहा।  “तुम्हारे इस बेतुके इल्जाम पर मैं तुम्हें कोर्ट की अवमानना करने की सज़ा दे सकता हूँ, इसलिए मेरी कोर्ट में ऐसे बेहूदा इल्जाम लगाने से पहले सोच लेना। इसे अपनी पहली और आखिरी चेतावनी समझो।“ जज ने झल्लाए हुए शब्दों में कहा। शायद उसे चिड़िया की बात चुभ गई थी।  “जज साहब, जिस फरियाद को लेकर मैं यहाँ आई हूँ, वह सरकारी कर्मचारियों की लापरवाही और भ्रष्टाचार की वजह से हुआ है। इसलिए आप जिसे कोर्ट की अवमानना समझ रहे है, वह मेरे लिए सरकारी तंत्र पर अविश्वास है। यदि आप भी न्याय की जगह मुझे सज़ा देना चाहते है, तो दे दीजिए, पर मेरा अविश्वास फिर भी विश्वास में नहीं

श्रीदेवी - एक अल्हड़ सी खिलखिलाहट और शरारत भरी शोख़ी

आज सुबह इस बेहद दुखद समाचार के साथ नींद खुली कि श्रीदेवी का देहांत हो गया है। अखबार में अभी यह समाचार नहीं आया है, लेकिन डिजिटल युग में प्रिंट बहुत पीछे रहता है। सबसे पहले तो विश्वास करना मुश्किल था, इसलिए इंटरनेट पर खोज कर देखा। लगभग सभी बड़े अखबारों ने इस खबर को अपने वेब एडीशन पर जगह दी थी। फिर उनके परिवार वालो ने भी इस खबर की पुष्टि कर दी थी। यह सब पढ़ते वक्त दिल में यही कामना थी कि काश यह खबर गलत निकले। पर अनहोनी हो चुकी थी, और श्रीदेवी सिर्फ 54 वर्ष की उम्र में इस फानी दुनिया को छोड़कर जा चुकी थी। श्रीदेवी के बारे में जब सोचता हूँ, तो आंखों के सामने एक अल्हड़ सी, चंचल और बला की हसीन युवती का अक्स छा जाता है। उसकी आँखों में एक शरारत भरी शोखी दिखती है, तो होंठों पर दिल के तारों को झंकार देने वाली मासूम सी खिलखिलाहट सुनाई देती है। हिम्मत वाला, मवाली, तोहफा, मिस्टर इंडिया, चालबाज़, चाँदनी जैसी फिल्मों की वह मासूमियत एवं चंचलता मन को मोह गई थी, और श्रीदेवी की एक अमिट छवि हमारे दिलों में डाल गई थी। पर श्रीदेवी की एक और छवि है, एक शानदार अदाकारा की, जिसे उतना ही पसंद किया गया जितना उनकी

An example of Fraudulent Call with online scam

I normally don’t pickup promotional calls from +91114... numbers, but yesterday (3rd Feb 2018), I was expecting a service call from my Broadband Service Provider Airtel, so picked up a call from +911141216900 and it turned out to be a promotional call. I wanted to cut the phone, but they started telling me information about my last purchase from PayTM, and I continued with the call. They had my full name, phone number, last purchase details (according to them) including the item & price from PayTM, and my complete shipping address including pin code. Unfortunately for them, it was not my latest purchase from PayTM, as I had ordered few items after that as well. But I continued with the call to understand where they are going with this.  They explained to me a reward point system which has won me some electronic gadget and I just need to claim it. I have to visit a website called www.shoppingcraving.com and fill up a contest form. This form will also require me to pay 1499 as