Skip to main content

Posts

Showing posts from June, 2015

माँ (A short story in Hindi)

आज मेरे कलकत्ता प्रवास का आख़िरी दिन था। कल फिर ट्रेन पकड़ कर वापस मुंबई आना था और समान बांधने की तैयारी की जा रही थी। इस बार की छुट्टियों में और कुछ हुआ हो या नहीं, मुझे यह पता चल गया था कि मुझे शुगर और ब्लड प्रेशर दोनों है। अब दवाइयाँ शुरू हो चुकी थी और उम्र भर चलनी थी। माँ पिछले 3 घंटों से गायब थी। मैंने माना किया था कि इतनी दोपहर में कही जाने की जरूरत नहीं है। मैं मुंबई जा रहा था, वहाँ हर वह चीज़ मिलती है जो कलकत्ता में मिलती है। मैंने माँ को साफ़ कह दिया था की मैं समान नहीं बढ़ाऊँगा। फिर भी माँ कही बाहर निकाल गई थी। वह जानती थी कि यदि मुझे पता चला तो मैं जाने नहीं दूँगा, इसलिए चुप चाप बिना बताए चली गयी थी। इसी चक्कर में अपना मोबाइल भी नहीं ले गई थी। घर में सभी परेशान थे। मैं चिल्ला रहा था कि जो भी वो लाएगी बेकार जाएगा क्योंकि मैं कुछ भी ले जाने वाला नहीं हूँ। घर में सब मेरे गुस्से को जानते थे, इसलिए समझाने की कोशिश कर रहे थे। उनका कहना था कि माँ आख़िर माँ होती है, बस उस पर चिल्लाना मत। समान नहीं ले जाना है, मत ले जाओ, पर चिल्ला चिल्ली मत करना।  जब माँ आई तो मेरा गुस्सा ...