पिछले दिनों मैं शिर्डी होकर आया. मेरे माता पिता यहाँ मुंबई आए हैं. उनको साथ लेकर हम सपरिवार शिर्डी गए थे. कार्यक्रम कुछ ऐसा बनाया की शनिवार सुबह निकालेंगे, रास्ते में नाशिक पड़ता है, वहाँ पर त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन कर, आगे शिर्डी जाएँगे. शिर्डी में हमने रात्रि विश्राम करने का सोचा था. फिर सुबह शनि सिग्नापुर होकर वापस मुंबई आने वाले थे. उम्मीद थी की इस तरह से दर्शन भी हो जाएँगे और अधिक भाग दौड़ भी नहीं होगी.
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