आज सुबह इस बेहद दुखद समाचार के साथ नींद खुली कि श्रीदेवी का देहांत हो गया है। अखबार में अभी यह समाचार नहीं आया है, लेकिन डिजिटल युग में प्रिंट बहुत पीछे रहता है। सबसे पहले तो विश्वास करना मुश्किल था, इसलिए इंटरनेट पर खोज कर देखा। लगभग सभी बड़े अखबारों ने इस खबर को अपने वेब एडीशन पर जगह दी थी। फिर उनके परिवार वालो ने भी इस खबर की पुष्टि कर दी थी। यह सब पढ़ते वक्त दिल में यही कामना थी कि काश यह खबर गलत निकले। पर अनहोनी हो चुकी थी, और श्रीदेवी सिर्फ 54 वर्ष की उम्र में इस फानी दुनिया को छोड़कर जा चुकी थी। श्रीदेवी के बारे में जब सोचता हूँ, तो आंखों के सामने एक अल्हड़ सी, चंचल और बला की हसीन युवती का अक्स छा जाता है। उसकी आँखों में एक शरारत भरी शोखी दिखती है, तो होंठों पर दिल के तारों को झंकार देने वाली मासूम सी खिलखिलाहट सुनाई देती है। हिम्मत वाला, मवाली, तोहफा, मिस्टर इंडिया, चालबाज़, चाँदनी जैसी फिल्मों की वह मासूमियत एवं चंचलता मन को मोह गई थी, और श्रीदेवी की एक अमिट छवि हमारे दिलों में डाल गई थी। पर श्रीदेवी की एक और छवि है, एक शानदार अदाकारा की, जिसे उतना ही पसंद किया गया जितना उनकी ...
Its my world! my mind! my opinion! my Blog! There are stories and articles ranging from Spirituality to Politics to Books to Movies, and to the core of human relationship!