दंगल एक बेहतरीन फिल्म है। पूरी कहानी कुश्ती पर आधारित होते हुए भी इमोशन और ड्रामा से भरपूर है। आमिर ने एक बार फिर बाज़ी मार ली है। शायद यह 2016 की सबसे अच्छी फिल्म साबित हो। बस इससे आगे मैं इस फिल्म की और तारीफ नहीं कर सकता। अब जो लिख रहा हूँ, वह मेरा अपना विचार है, और उसका फिल्म के मनोरंजक और अच्छे होने से कोई सरोकार नहीं है। मुझे फिल्म की कहानी पसंद नहीं आई। लगभग सबको कहानी के बारे में पता है, इसलिए यहाँ जो मैं लिख रहा हूँ, वह कोई भेद नहीं खोलेगा। कहानी में एक लड़की की विपरीत परिस्थितियों से लड़कर विजेता बनने के सफर को दिखाने की कोशिश की गई है। पर जिस नजरिए से मैंने देखा, मुझे यह एक लड़की की अपनी सफलता से अधिक उसका बलिदान दिखा। यह कहानी स्त्री प्रधान ना होकर पुरुष प्रधान निकली। एक व्यक्ति जो खुद अपने जीवन में सफलता ना पा सका, अपनी जिद के चलते अपने दो बच्चों का बचपन और उनकी इच्छाएं उनसे छीन कर, उनके जीवन को कुर्बान कर देता है। उनकी अपनी पहचान खत्म हो जाती है। हर जगह उन्हें अपनी इच्छाओं को मारना पड़ता है। लोगों के उपहास का पात्र बनना पड़ता है। और यह सब सिर्फ इसलिए कि वह अपने पित...
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