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Showing posts from November, 2016

500 एवं 1000 की मुद्रा का विमुद्रीकरण – हमें अब क्या करना चाहिए?

जैसा की सभी जानते है, हमारी सरकार ने 1000 एवं 500 की मुद्रा का विमुद्रीकरण कर दिया है। इस महीने की 9 तारीख से यह दोनों नोट बाज़ार में मान्य नहीं है। बहु प्रचलित मुद्रा होने की वजह से बाज़ार में रुपये की किल्लत हो गयी है एवं लोगों में अफरातफरी का माहौल है। मैं कोई अर्थशास्री नहीं हूँ, इसलिए सरकार के इस निर्णय के दूरगामी परिणामों का विश्लेषण नहीं कर सकता। परंतु आज लोगों की विवशता देख पा रहा हूँ। यह लेख सरकार के निर्णय की सराहना या विवेचना करने के लिए नहीं है, बल्कि आज की स्थिति को कैसे काबू में लाया जाये, इसके बारे में है। मुझे इतने बड़े पैमाने पर आई विपदा को सम्हालने का कोई अनुभव नहीं है, मेरे अपने विचार से आज कि स्थिति को सम्हालने के लिए जो सरकार और हमें करना चाहिए, उसे अपनी छोटी सी समझ के अनुसार यहाँ प्रस्तुत कर रहा हूँ। सरकार में बहुत बड़े विशेषज्ञ बैठे है, परंतु हालत बदतर होते जा रहे है। इसलिए सोचा शायद एक अलग दृष्टिकोण कि जरूरत हो।  सरकार तुरंत इन कदमों को उठाए:

Demonetization - What should we do now?

As we know that our government has taken a decision of demonetization of Rs 500 and 1000 notes from market and people are suffering due to cash crunch. I am not an expert economist to comment on long term impact of this decision, but I can see the situation on the ground, with short term impact. This article is not about merit of this decision, but it is about managing the situation in hand. We are in a mess with this implementation, and things are getting out of control. I have tried my best to come up with what the government and public should do to cope up with situation. I am not an expert on managing such large-scale crisis, so this is not a complete formula, but my two cents only.  What government should do: