जैसा की सभी जानते है, हमारी सरकार ने 1000 एवं 500 की मुद्रा का विमुद्रीकरण कर दिया है। इस महीने की 9 तारीख से यह दोनों नोट बाज़ार में मान्य नहीं है। बहु प्रचलित मुद्रा होने की वजह से बाज़ार में रुपये की किल्लत हो गयी है एवं लोगों में अफरातफरी का माहौल है। मैं कोई अर्थशास्री नहीं हूँ, इसलिए सरकार के इस निर्णय के दूरगामी परिणामों का विश्लेषण नहीं कर सकता। परंतु आज लोगों की विवशता देख पा रहा हूँ। यह लेख सरकार के निर्णय की सराहना या विवेचना करने के लिए नहीं है, बल्कि आज की स्थिति को कैसे काबू में लाया जाये, इसके बारे में है। मुझे इतने बड़े पैमाने पर आई विपदा को सम्हालने का कोई अनुभव नहीं है, मेरे अपने विचार से आज कि स्थिति को सम्हालने के लिए जो सरकार और हमें करना चाहिए, उसे अपनी छोटी सी समझ के अनुसार यहाँ प्रस्तुत कर रहा हूँ। सरकार में बहुत बड़े विशेषज्ञ बैठे है, परंतु हालत बदतर होते जा रहे है। इसलिए सोचा शायद एक अलग दृष्टिकोण कि जरूरत हो। सरकार तुरंत इन कदमों को उठाए:
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