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500 एवं 1000 की मुद्रा का विमुद्रीकरण – हमें अब क्या करना चाहिए?

जैसा की सभी जानते है, हमारी सरकार ने 1000 एवं 500 की मुद्रा का विमुद्रीकरण कर दिया है। इस महीने की 9 तारीख से यह दोनों नोट बाज़ार में मान्य नहीं है। बहु प्रचलित मुद्रा होने की वजह से बाज़ार में रुपये की किल्लत हो गयी है एवं लोगों में अफरातफरी का माहौल है। मैं कोई अर्थशास्री नहीं हूँ, इसलिए सरकार के इस निर्णय के दूरगामी परिणामों का विश्लेषण नहीं कर सकता। परंतु आज लोगों की विवशता देख पा रहा हूँ। यह लेख सरकार के निर्णय की सराहना या विवेचना करने के लिए नहीं है, बल्कि आज की स्थिति को कैसे काबू में लाया जाये, इसके बारे में है। मुझे इतने बड़े पैमाने पर आई विपदा को सम्हालने का कोई अनुभव नहीं है, मेरे अपने विचार से आज कि स्थिति को सम्हालने के लिए जो सरकार और हमें करना चाहिए, उसे अपनी छोटी सी समझ के अनुसार यहाँ प्रस्तुत कर रहा हूँ। सरकार में बहुत बड़े विशेषज्ञ बैठे है, परंतु हालत बदतर होते जा रहे है। इसलिए सोचा शायद एक अलग दृष्टिकोण कि जरूरत हो। 

सरकार तुरंत इन कदमों को उठाए:


  • एक टास्क फोर्स बना कर, पूरे देश में उसकी पहुँच बनानी चाहिए। भारतीय जनता पार्टी कि छोटी बड़ी इकाई हर शहर हर मुहल्ले में है। उन्हें इस टास्क फोर्स में शामिल कर, कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस का सहयोग लेना चाहिए। उन्हें यह निश्चित करना होगा कि रुपये कि कमी की वजह से अत्यावश्यक सेवाएँ बाधित ना हो। कई ऐसी खबरें आई है की अस्पताल में पुराने नोट स्वीकार नहीं किए जाने की वजह से लोगों के इलाज में बाधा पड़ रही है। स्थानीय पार्टी के कार्यकर्ता एवं पुलिस की मदद से लोगों को काफी सहारा लगेगा। उनके पास एक जरिया होगा तुरंत मदद मांगने का। 
  • प्रधानमंत्री सहित, भाजपा के सभी क्षेत्रीय और राष्ट्रीय नेताओं को अपने इलाके की यात्रा करनी चाहिए। लोगों को इस कार्रवाई का विवरण देकर आश्वस्त करना चाहिए। अभी, हमारे नेतृत्व की ओर से कुछ नहीं आने की वजह से आम आदमी में दहशत का माहौल पैदा हो गया है। इसे तुरंत बदलना होगा, ताकि नमक जैसी और कोई अफवाह ना फैल सके। सरकार के वरिष्ठ अधिकारी और पार्टी के राष्ट्रीय / स्थानीय नेतृत्व यदि जनता को स्थिति की जानकारी के साथ किए जाने वाले उपायों से भी अवगत कराते रहे, तो जनता में विश्वास का माहौल बन सकता है। 
  • सरकार को अपनी स्थानीय टीम की प्रतिक्रिया के आधार पर अतिआवश्यक सेवाओं में पुराने नोटों की स्वीकृति की अवधि बाढ़नी चाहिए। यदि टास्क फोर्स की सलाह हो तो कुछ अन्य सेवाओं को भी इनमें शामिल किया जाना चाहिए। 
  • बाज़ार में नए 500 के नोट आए बिना रुपये की कमी समाप्त नहीं होने वाली है। सरकार को इन नोटों को बाज़ार में लाने को प्राथमिकता देनी चाहिए। 
  • भारतीय रिजर्व बैंक के बयान के अनुसार नए नोट भरपूर मात्र में उपलब्ध है, लेकिन वितरण एक बहुत बड़ी समस्या है। बैंकों के पास इतनी बड़ी मात्रा में रुपये ब्रांच और एटीएम तक पहुंचाने का जरिया नहीं है। इसलिए बार बार एटीएम और बाँचो में पैसे खतम हो रहे है एवं लोगों को निराश लौटना पड़ रहा है। लाखों रुपये का मामला है इसलिए बैंक तुरंत किसी नए व्यक्ति या अजेंसी पर भरोसा नहीं कर सकती। सरकार को सेना की मदद लेनी चाहिए। सेना भरोसेमंद भी है, और वह पैसो को सुरक्षा पूर्वक तुरंत बैंक और एटीएम तक पहुंचाने में मदद कर सकते है। इससे लोगों तक नए नोट जल्दी पहुंचेंगे एवं उनकी रोज़मर्रा की जरूरतें पूरी होने लगेंगी। 
  • कृपया सरकार स्वयं द्वारा किए गए पहल से शिक्षा ले और हाल ही में जियो द्वारा अपनाई गई तकनीक का इस्तेमाल करें। बैंक में पैसे की लेनदेन के लिए कागज की बजाय आधार कार्ड और उँगलियों के निशान की डिजिटल तकनीक का इस्तेमाल करने पर, कागज की बचत भी होगी, और काम बहुत जल्दी जल्दी होगा। लोगों को फार्म भरने की कोई आवश्यकता भी नहीं होनी चाहिए। हो सके तो उनका पैन कार्ड भी आधार कार्ड के साथ रेकॉर्ड कर ले। यह बाद में काम आएगा। इससे सरकार और लोगों का लाखों रुपये का खर्चा भी बचेगा। 


लोगों को क्या करना चाहिए:

  • घबराए बिलकुल भी नहीं। स्थिति को बेहतर तरीके से समझे। अखबार पढ़े, किसी बैंक में काम करने वाले से बात करें। अपने आप को यह विश्वास दिलाये की यह एक अस्थाई स्थिति है। यह कोई बहुत बड़ा वित्तीय संकट नहीं है। अपने आप को आने वाले दिनों में होने वाली असुविधा के लिए मानसिक रूप से तैयार अवश्य करें, लेकिन आतंक की आवश्यकता नहीं है। स्थिति पूरी तरह से निराशाजनक नहीं है, कुछ ही दिनों की परेशानी है। एक बार आपने इसे समझ लिया, तो आप अपनी स्थिति को बेहतर तरीके से सम्हाल सकते है। 
  • अपने घर में पड़े 100 और उससे नीचे के नोटों का हिसाब करें, और उसका एक बड़ा हिस्सा किसी आपदा के लिए रख दे। यदि आपके पास डेबिट या क्रेडिट कार्ड है तो अपनी ख़रीदारी में उसका उपयोग करें। यदि आपके पास स्मार्ट फोन है तो किसी PAYTM जैसे वालेट का उपयोग करना शुरू कर दे। इसे भी कई जगह भुगतान के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। आजकल सब्जी और घरेलू समान भी ऑनलाइन मिलने लगा है। यदि आप उनका उपयोग कर सकते है तो और भी अच्छा है। 
  • यदि आपको अपने बैंक अकाउंट में पास पड़े पुराने नोट जमा करवाने है, तो उसके लिए अभी बैंक ना जाये। आपके पास पैसा जमा करने के लिए बहुत समय है। कुछ दिनों में भीड़ समाप्त हो जाएगी, तब आप बैंक जाकर आराम से पैसे जमा करवा सकते है। 
  • यदि आपको बैंक से पैसे निकालने है, तो एटीएम ना जाकर अपना चेक या आहरण पर्ची (Withdrawal Slip) लेकर जाये। बैंक में इन काउंटर की कतार भी छोटी है और एटीएम के 2000 के मुक़ाबले आप एक दिन में 10000 और एक सप्ताह में 20000 तक निकाल सकते है। 
  • पास के सुपर मार्केट में यदि कोई पैसे से भुगतान करता हुआ दिखे, तो आप उससे वह पैसे लेकर उसका भुगतान स्वयं कार्ड से कर सकते है। 
  • उन दुकानदारों से बात करें जिनसे आप हमेशा समान लेते है। संभावना है की वह आपको उधार में सामान दे देंगे। सब्जी, फल, किराना, दवाई इत्यादि के लिए पहले से बात कर ले। उधार के अलावा आप चेक या ऑनलाइन भुगतान करने की पेशकश भी कर सकते है। 
  • यदि आपको नया 2000 रुपये का नोट मिला है, और उसका खुल्ला नहीं हो रहा, तो आप उसका इस्तेमाल अपनी सबसे आवश्यक जरूरत पर करें। यदि आपके घर में खानी पीने की वस्तुओं का अभाव है, तो किराने वाले के पास इस 2000 के नोट तो अग्रिम भुगतान की तरह दे दे। यदि आपको दवाइयों की जरूरत पड़ती रहती है, तो इसे दवाई की दुकान पर दे। 
  • आपके आस पास के लोगों को स्थिति के बारे में बताए एवं आपसे जितनी भी मदद हो सकती है, अवश्य करें। अपनी काम वाली, ड्राइवर, माली, पड़ोसी, दरवान इत्यादि सबसे बात करें और उन्हें स्थिति की सही जानकारी देते रहे। लोगों में अनिश्चितता का भय नहीं रहना चाहिए। यदि लोगों को सही खबरें नहीं मिलती है तो वह अफवाहों को सच मान लेते है। उन्हें इस हालात के अस्थाई होने की बात बताए, और साथ में उन्हें विश्वास दिलाये कि जल्द ही यह संकट दूर हो जाएगा। आप उन्हें पैसे बदलने के लिए फार्म भरने में मदद कर सकते है, रोज़मर्रा के लिए उन्हें कुछ उधार दे सकते है या फिर कुछ किराने का समान दे सकते है। आप उनके लिए ऑनलाइन भुगतान करके भी उनकी मदद कर सकते है। 
  • यदि आप बैंक जा रहे है, तो कतार में खड़े लोगों एवं बैंक के कर्मचारियों के प्रति संवेदनशील रहे। इस कठिन स्थिति में अकसर लोग अपना आपा खो देते है। यदि कोई सरकार को भला बुरा कह रहा हो, तो उसे उसका गुस्सा निकालने दे। उसके साथ तर्क करके उसके गुस्से तो और ना भड़काए। ऐसा करने पर बेवजह विवाद पैदा हो सकता है। इसी तरह कड़ी मेहनत कर रहे बैंक कर्मचारियों का भी खयाल रखे। जैसे बाकी लोग लाइन में खड़े रहकर परेशान है, वैसे ही वह भी छुट्टी के दिन लगातार मेहनत कर रहे है। यदि बैंक में पैसे खतम हो जाते है तो यह उनकी गलती नहीं है। हमें उनपर चिल्लाने कि जगह उनका आभार प्रगट करना चाहिए। 
  • यदि आप एक व्यापारी है तो स्थिति के प्रति संवेदनशीलता से काम लेते हुए आप अपने नियमित ग्राहकों को समान उधार पर दीजिये। आप अपने ग्राहकों को ऑनलाइन या चेक द्वारा भुगतान करने की सुविधा दे सकते है। आप भी पेटियम जैसी किसी मोबाइल वालेट कंपनी से बात करके मोबाइल द्वारा भुगतान लेने की सुविधा प्रदान कर सकते है। अपने सप्लायर्स से बात करके समान की नियमित आपूर्ति करवाते रहे। 


हम सरकार के इस निर्णय के लिए उसकी प्रशंसा कर सकते है, या फिर जनता की आज की स्थिति के लिए उसे दोष दे सकते है। पर जो हो चुका है, उसे वापस नहीं लाया जा सकता। आज सबसे बड़ी जरूरत इस बात की है कि स्थिति को काबू में कैसे लाया जाये। उपरोक्त लेख को मैंने पहले अँग्रेजी में लिखा था, परंतु मुझे लगा कि हिन्दी अधिक लोगों तक पहुँच सकती है। इसलिए इसे हिन्दी में लिख कर साझा कर रहा हूँ। मात्र एवं व्याकरण कि भूल के लिए पहले से ही क्षमा प्रार्थी हूँ। यदि आपको लगता है कि यह लेख लोगों का मार्गदर्शन कर सकता है तो इसे और लोगों तक पहुंचाए। 

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